काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान कहां पर है

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान कहां पर है

                  काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान कहां पर है – ये एक ऐसी बात है जो बहुत लोगो के दिमाग में अति है के ये जगह कहाँ पर? है और यहाँ खरतनाक जानवर है ? क्या यहाँ इंसानो को जाना मन है या नहीं ?ये सारी ऐसी बातें है जो लोगो के दिमाग में आती है तो हम आज इस सारे सवालों के जवाब जाने गे

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भारत में हे शामिल आसाम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी स्थित है। और यहाँ बहुत हे खूबसूरत जगह भी जिस अगर आप देखो गे उस ही जगह की खूबसूरती में खो जाओ गे और वहां से आने का मन भी आप का शायद ना करे। काजीरंगा एक-सींग वाले गैंडे, बाघ, हाथी और पक्षियों के लिए जाना जाता है और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में घूमने के लिए अविश्वसनीय स्थान

wild royal bengal tiger nature habitat ranthambhore national park

काजीरंगा - भारत की गैंडा राजधानी

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान- हम ये तो जान चुके है के ये पार्क भारत के   आसाम  राज्य में स्थित है अगर हम साथ आप जानकारी दे ते चले के पार्क एक -सींग वाले एशियाई
गैंडों की सबसे बड़ी आबादी के लिए जनि जाती है वहीँ जो एक दरिया जिसे हम नदी बर्ह्म्पुत्र से जानते है इस नदी में के किनारे जानवरो से भर पुर है जैसे के हाती -गैंडों – जंगली बिल्ली -जंगली भैंस भी है और साथ हे यहाँ परिंदो की गिनती भी ज़्यदा है ये साडी चीज़े इस जगह को अलग हे रूप देता है

जीप सफारी:

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान – जीप सफारी ये एक जयदा मज़ेदार सफारी है ये सफारी का काम यात्रियों को जंगल के आखरी कोने तक ले जाने का काम करती है व्हाना लोग जंगली जानवर जैसे खतरनाक दक्खिअइ देते है जिस को कुछ अलग ही मजा है ये सफारी जयदार शाम में सवारी के लिए चालू रहती है

हाथी सफारी:

 पार्क में हाती सफारी नया तजरुबा है आप हाती के पीठ बैठ कार पुरे घास को ऊपर से देख सकते है के साथ जानवरो को ऊपर ही से सकते है सफारी ज्यादा तर सुबह ही चालू रहेती है

बोट सफारी:

पार्क में बोट सफारी भी है जो नदी बर्ह्म्पुत्र के बिच दरिया बहती है इस ही नदी में ये बोट चलती है आप इस बोट से नदी के खूबसूरत मछलियों को देख सकते है और मगरमछ जैसे खतरनाक जैसे जानवरो को भी।

पक्षी दर्शन:

 हम सब ये तो जानते है के ये पार्क कोई जन्नत कम तो नहीं यहाँ पर पंछियों को देखने अलग से तजरूबा होता है यहाँ साइबेरियन सर्दी में ज्यादा दिखाई देता है इस -अपकीरीन -अक़ाब -और हवा में उड़ने वाले जानवरो देखने का अलग अनुभाओ मिलता है

बुरापहाड़ क्षेत्र

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान-   बुरापहाड़ क्षेत्र काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान कम से कम भीड़ भाड़ वाला इलाका है ये इस जगह का एक ऐसा हिस्सा है जहाँ इस पहाड़ के हारे भरे पेड़ पौदों देख हे यादें बना सकते हो

असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में कौन सा जानवर मुख्य आकर्षण है?

असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में कौन सा जानवर मुख्य आकर्षण है?

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान– भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य असम में बना एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है। यह उद्यान असम के गोलाघाट और नागांव जिलों में पूरी तरह फैला हुआ है और इसे यूनेस्को द्वारा 1985 में ज़रूरी स्थल के रूप में घोषित किया गया था। यह उद्यान न सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां पाए जाने वाले विशिष्ट वन्यजीवों के लिए भी प्रसिद्ध है.

इस पार्क का सबसे इम्पोर्टेन्ट चीज़ और मुख्य आकर्षण है – एक-सींग वाला गैंडा। यह जीव भारत में पाई जाने वाली एक दुर्लभ प्रजाति है और इसकी सबसे बड़ी आबादी काजीरंगा में ही पाई जाती है। काजीरंगा को “भारत की गैंडा राजधानी” भी कहा जाता है। यह गैंडे मोटे चमड़े, एक मजबूत सींग और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। एक समय था जब इनकी संख्या बहुत कम हो गई थी, लेकिन संरक्षण प्रयासों के चलते अब इनकी आबादी में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है।

काजीरंगा में इन गैंडों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अनुभव बेहद खास होता है। पर्यटक जीप सफारी या हाथी सफारी के माध्यम से इन विशालकाय प्राणियों को करीब से देख सकते हैं। गैंडों के अलावा काजीरंगा में बाघ, एशियाई हाथी, जंगली भैंसे, दलदली हिरण, बारहसिंगा, और कई प्रकार की पक्षी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। फिर भी, एक-सींग वाला गैंडा यहां आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण बना रहता है।

गैंडों का संरक्षण काजीरंगा की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। यहां के वन रक्षक और कर्मचारी इन गैंडों की सुरक्षा के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। शिकार पर सख्त रोक, सीमित प्रवेश, और नियमित निगरानी जैसे उपायों से इनकी संख्या को बनाए रखने में सफलता मिली है।

इसलिए, जब भी काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की बात होती है, तो सबसे पहले एक-सींग वाले गैंडे की छवि ही सामने आती है। यह न केवल उद्यान का प्रतीक है, बल्कि भारत के वन्यजीव संरक्षण की सफलता की मिसाल भी है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top