“शिलांग: बादलों के बीच बसा एक खूबसूरत शहर।”

"शिलांग: बादलों के बीच बसा एक खूबसूरत शहर।"

शिलांग: एक परिचय

शिलांग भारत के एक उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय की राजधानी है, जो के पहाडियू और हरियाली से बहरी हुई वादी के बिच में है इस की सुंदरता की वजा यहाँ की बहेती हुए झरने और यहाँ के हरे भरे खेतों से है

साथ ही हम इस के कुछ हिस्ट्री के बारे में जानते है ताके इस की सैर कर ने में आनद आए
शिलांग की शुरुवत और 1885 में हुई। शिलांग मेघालय की राजधानी है। ये समंदर ताल से 1520 मीटर (4990 फीट) दरमियानी ऊंचाई पर है इस ही ऊंचाई में एक बहुत खूबसूरत सा हील स्टेशन है जहाँ लोग बड़े आनद से जाते हैशिलांग शहर की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा वर्ष 1864 के दौरान की गई थी। 1897 में एक भूकंप ने शहर को नष्ट कर दिया और फिर से बनाया गया।  .

शिलांग घूमने के लिए सबसे अच्छा महीना कौन सा है?

"शिलांग

शिलांग में घूमने का सबसे अच्छा टाइम या समय क्या है ?
ये सवाल हर ट्रवेलेर या जिस की इच्छा ऐसे ही खूबसूरत पर घूमने की होती है वो ये ख्याल में होते है के कब घूमने जाएं और कैसे तू इस परेशानी को दूर कर ते है शिलॉन्ग में घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मई के बीच है क्योंकि इस वक्त पर मौसम वहां बड़ा हे सुहाना होते है जिस से वहां मज़ा लेने का आनंद और बाद जाता है और इस आनंद को बढ़ने के लिए कभी कभार यहाँ बारिश होती है जिस की वजा से यहाँ और खूबसूरत मंज़र होजाता है

शिलांग की भाषा कौन सी है?

pexels pragyanbezbo 2810127

यहाँ की ज़बान भी बिलकुल हमारे जैसे नार्मल हिंदी या इंग्लिश यानि अंग्रेजी बोली जाती है
स्थानीय लोग संवाद करने के लिए खासी, गारो और असमिया जैसी क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं। इन सभी में खासी मुख्य भाषाओं में से एक है। जयंतिया भाषा भी शिलांग की लोकप्रिय भाषाओं में से एक है।

शिलांग में घूमने की सबसे बेहतरीन जगहें

एलिफैंट फॉल्स शिलांग के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है और इसकी खास बात है इसका तीन-स्तरीय झरना। यह झरना जंगलों के बीच से बहता है और हर लेवल पर इसका रूप और भी सुंदर होता जाता है। पहले स्तर पर पानी धीमे बहता है, दूसरे पर थोड़ा तेज और तीसरे पर गिरते ही एक गगनभेदी आवाज़ के साथ धरती से टकराता है – जैसे प्रकृति अपनी कला का प्रदर्शन कर रही हो।

इस झरने को पहले स्थानीय लोग ‘Ka Kshaid Lai Pateng Khohsiew’ कहते थे, जिसका मतलब है “तीन चरणों वाला झरना”। ब्रिटिश काल में जब उन्होंने यहाँ एक चट्टान को हाथी की आकृति में देखा, तो इसका नाम ‘एलिफैंट फॉल्स’ रख दिया। हालांकि वह चट्टान अब 1897 के भूकंप में नष्ट हो गई, लेकिन नाम अब भी बरकरार है।

यहाँ तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियों से नीचे उतरना पड़ता है, लेकिन रास्ता काफी सुरक्षित और रोमांचक है। हर स्तर पर फोटोज खींचने के लिए सुंदर बैकग्राउंड मिलता है। बरसात के मौसम में यह झरना और भी खूबसूरत हो जाता है, क्योंकि पानी की मात्रा बढ़ जाती है और उसकी रफ्तार देखने लायक होती है।

आप चाहें तो झरने के पास बैठकर सिर्फ उसकी आवाज़ सुन सकते हैं – एक थेरेपी जैसा अनुभव होता है। एलिफैंट फॉल्स का टिकट भी बहुत सस्ता है और पास में छोटे-छोटे स्टॉल्स हैं जहां से आप चाय-कॉफी या स्नैक्स भी ले सकते हैं।

1) उमियम झील (Umiam Lake)

pexels volcsei peter 2150408808 31998815

उमियम झील, जिसे स्थानीय भाषा में “बड़ा पानी” भी कहा जाता है, शिलांग से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक विशाल मानव निर्मित जलाशय है, जिसे असम और मेघालय के जलविद्युत परियोजनाओं के लिए बनाया गया था। लेकिन समय के साथ यह झील पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन गई।

यहाँ का शांत वातावरण, नीला पानी और चारों ओर फैली हरियाली एकदम जादुई अनुभव देती है। झील के किनारे बैठना हो या बोटिंग करना – हर अनुभव अनमोल लगता है। यहाँ वाटर स्पोर्ट्स जैसे कयाकिंग, वाटर स्कूटर और याचिंग का भी आनंद लिया जा सकता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय उमियम झील का दृश्य फोटोग्राफरों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है।

परिवार, कपल्स, और सोलो ट्रैवलर्स – सभी के लिए ये एक आदर्श स्थान है जहां आप प्रकृति के करीब रहकर मानसिक शांति पा सकते हैं।

2. एलिफैंट फॉल्स (Elephant Falls)

pexels vubui 30277768

एलिफैंट फॉल्स शिलांग का सबसे प्रसिद्ध झरना है, जिसे तीन चरणों में बहते हुए देखा जा सकता है। यह झरना शिलांग से सिर्फ 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसका नाम अंग्रेजों ने उस समय रखा जब उन्होंने यहां एक हाथी जैसी आकृति की चट्टान देखी।

झरने के पास जाने के लिए आपको थोड़ी सीढ़ियाँ उतरनी पड़ती हैं, लेकिन नज़ारा ऐसा होता है कि थकान का अहसास तक नहीं होता। मानसून के मौसम में पानी का बहाव तेज़ होता है और झरना और भी भव्य दिखता है।

यह जगह खासतौर पर नेचर लवर्स और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए स्वर्ग है। आसपास छोटे-छोटे स्टॉल्स हैं जहां से आप स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं या स्थानीय स्नैक्स का स्वाद ले सकते हैं।

3. शिलांग पीक (Shillong Peak)

pexels abdulkayum97 19469039

शिलांग पीक मेघालय की सबसे ऊंची चोटी है, जो समुद्र तल से करीब 1,965 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से पूरा शिलांग शहर, उमियम झील और दूर-दूर तक फैले पर्वतों का अद्भुत नज़ारा दिखाई देता है।

यह स्थान भारतीय वायुसेना के निगरानी क्षेत्र में आता है, इसलिए यहां जाने के लिए पहचान पत्र दिखाना होता है। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है, लेकिन एक बार जब आप ऊपर पहुंचते हैं, तो सबकुछ भूलकर सिर्फ नज़ारों में खो जाते हैं।

यहाँ एक व्यूइंग टॉवर भी है जहाँ से आप टेलीस्कोप के जरिए दूर-दराज के इलाके भी देख सकते हैं। अगर मौसम साफ हो तो यह अनुभव और भी शानदार हो जाता है। शिलांग पीक पर सूर्योदय और सूर्यास्त देखना जीवन भर याद रहने वाला अनुभव होता है।

शिलांग कैसे पहुँचे?

1 )हवाई मार्ग (By Air):
शिलांग का नजदीकी हवाई अड्डा उमरोई एयरपोर्ट है, जो शहर से लगभग 30 किमी दूर है। लेकिन यहाँ सीमित उड़ानें होती हैं। बेहतर विकल्प है गुवाहाटी एयरपोर्ट (लोकप्रिय Gopinath Bordoloi International Airport), जो शिलांग से लगभग 120 किमी दूर है। वहां से टैक्सी या बस लेकर 3-4 घंटे में शिलांग पहुंच सकते हैं।

2)रेल मार्ग (By Train):
शिलांग में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। नजदीकी रेलवे स्टेशन गुवाहाटी है। वहां से टैक्सी या बस लेकर शिलांग आसानी से पहुंचा जा सकता है।

3)सड़क मार्ग (By Road):
शिलांग सड़क मार्ग से असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से अच्छी तरह जुड़ा है। गुवाहाटी से नियमित बसें, टैक्सी और शेयरिंग कैब मिलती हैं। नेशनल हाईवे 6 से शिलांग की ड्राइव बहुत ही सुंदर और रोमांचक होती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top